हे अभिलाषा मेरी यही, हो जाऊं कुर्बान में हिंदी पे। हे अभिलाषा मेरी यही, हो जाऊं कुर्बान में हिंदी पे।
मैं लाख शिक्षित हो जाऊँ चाँद पर चली जाऊँ मैं लाख शिक्षित हो जाऊँ चाँद पर चली जाऊँ
फिर कुछ बदल-सा गया अब तुम बोलते थे, मैं चुप रहती थी तुम देखते थे, मैं आँखें चुराती थी जब तुम नहीं आत... फिर कुछ बदल-सा गया अब तुम बोलते थे, मैं चुप रहती थी तुम देखते थे, मैं आँखें चुरा...
हिंदी बिन हिंदुस्तान हिंदी है तो हिंदुस्तान। हिंदी बिन हिंदुस्तान हिंदी है तो हिंदुस्तान।
हिंदी मीठी बोली करती सबको सभ्य हिंदी सीखना,सिखाना है ! हिंदी मीठी बोली करती सबको सभ्य हिंदी सीखना,सिखाना है !
जन-जन की अपनी भाषा, आज ढूंढ़ रही अपना सम्मान। जन-जन की अपनी भाषा, आज ढूंढ़ रही अपना सम्मान।